क्या होता है स्लीप एपनिया जिसमें सोते-सोते रुकने लगती है सांस...

क्या होता है स्लीप एपनिया जिसमें सोते-सोते रुकने लगती है सांस...

आज के समय में खराब लाइफस्टाइल के चलते हमें कई तरह की बीमारियां घेर रही हैं। इन्हीं में से एक है स्लीप एपनिया। स्लीप एपनिया एक गंभीर बीमारी है। यह एक तरह का स्लीप डिसऑर्डर है, जिससे इन दिनों युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी पीड़ित हैं। इसका मुख्य कारण बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल मानी जाती है। स्लीप एपनिया में सोते वक्त बार-बार सांस रुकती और चलती है, जो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स में पल्मोनोलॉजी, एचओडी एंड सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर बन्दना मिश्रा से इस बारे में जानते हैं।

क्या है स्लीप एपनिया

डॉक्टर बन्दना मिश्रा के मुताबिक ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सोये हुए व्यक्ति की अचानक कुछ सेकेंड्स के लिए सांस रुक जाती है।

यह दरअसल एयरवे या सांस वाली नली के ब्लॉक हो जाने के कारण होता है जिसके कारण ऑक्सीजन का प्रवाह रुक जाता है।

यह बीमारी इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि अगर बार-बार आपकी सांस रुक रही है, तो इससे खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। खून में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हृदय, मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों के लिए खतरा बढ़ जाता है।

सामान्य से अधिक वजन, टॉन्सिल्स, गर्दन का छोटा आकार, हाइपोथायरायडिज्म आदि एक स्लीप एपनिया से जूझ रहे व्यक्ति के लिए जोखिम विकसित कर सकते हैं।

स्लीप एपनिया के लक्षण

डॉक्टर बन्दना मिश्रा के मुताबिक व्यक्ति के मूड स्विंग्स, हाई बीपी, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, एंग्जायटी, नींद चक्र का बिगड़ना, जोर से खर्राटे लेना, सोते समय सांस फूलना, सुबह उठने पर मुंह सूखना।

तेज सिर में दर्द होना, दिन में अधिक नींद आना आदि इसके प्रमुख लक्षण होते हैं। इसके अलावा इस स्थिति से जूझ रहा व्यक्ति नींद पूरी होने के बावजूद थकान महसूस करता है।

स्लीप एपनिया के कारण

डॉक्टर बन्दना मिश्रा ने बताया कि स्लीप एपनिया के कई कारण हो सकते हैं। जैसे-

अधिक मोटापा

टॉन्सिल के आकार का बढ़ जाना

किडनी से सम्बन्धित समस्या

बच्चे का समय से पहले जन्म हो जाना

मस्तिष्क में संक्रमण स्ट्रोक

न्यूरोमस्कुलर रोग

उपरोक्त बताये गए लक्षणों को पहचान कर स्लीप स्टडी टेस्ट (पॉलिसोमोग्राफी), स्टॉप बैंग क्वेश्चनेयर, आदि की मदद से और लक्षणों की गंभीरता को देखते हुए इस रोग का डायग्नॉसिस किया जाता है और इलाज की दिशा तय की जाती है।

यदि लक्षणों को समय पर पहचान लिया जाए तो इसका पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। स्लीप एपनिया का इलाज संभव है यदि समय पर डॉक्टर की सलाह ले ली जाए, देरी होने पर रोग की गंभीरता बढ़ सकती है।

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Comments

  • D Devendra Kumar Bsp
  • S Sri bhagwan क्या इंडिया वाले यही सब सहने के लिये पैदा हुए है नितिन गडकरी साहब , कंपनी पर ऐसा फाइन लगाओ दूसरे भी याद रखे
  • P Pankaj kumar पुलिस
  • M Manish kumar parjapity Superb
  • P Pankaj kumar Jay shri ram