जानिये कब है महाशिवरात्रि…जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

जानिये कब है महाशिवरात्रि…जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है, ये पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती और भोले नाथ शंकर की पूजा की जाती है। इस दिन शिवभक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 1 मार्च को है चतुर्दशी तिथि मंगलवार की सुबह 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 02 मार्च, बुधवार को सुबह करीब 10 बजे तक रहेगी।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भक्त व्रत रख कर शिव-पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बिल्व पत्र से शिव जी की पूजा करता है भगवान भोले नाथ उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

तो चलिए जानते हैं महाशिवरात्रि पूजा विधि और शुभ मुर्हत...

महाशिवरात्रि 2022 पूजन का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि के त्योहार पर भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में करने का विधान होता है।

प्रथम प्रहर की पूजा- 01 मार्च की शाम को 06 बजकर 21 मिनट रात्रि के 09 बजकर 27 मिनट तक

दूसरे प्रहर की पूजा- 01 मार्च की रात्रि 09 बजकर 27 मिनट से रात्रि के 12 बजकर 33 मिनट तक

तीसरे प्रहर की पूजा- 01 मार्च की रात 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 03 बजकर 39 मिनट तक

चौथे प्रहर की पूजा- 02 मार्च की सुबह 03 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट तक।

पारण का समय- 02 मार्च सुबह 6 बजकर 45 मिनट के बाद

महाशिवरात्रि पूजन विधि

सभी 12 महीनों में हर माह मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि में फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि सबसे खास और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली शिवरात्रि होती है। इस दिन सुबह जल्दी से उठकर स्नान करके पूजा का संकल्प लेते हुए पास के शिव मंदिर में जाएं। इसके बाद मन में भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करते हुए उनका जलाभिषेकर करें। महाशिवरात्रि में शिव पूजा के दौरान अक्षत, पान, सुपारी, बेलपत्र, दूध, दधी, शहद, घी ,धतूरा आदि भगवान शिव को अर्पित करें। पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप करते रहें।

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
शिव आरती
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

Bhartiyavani.com ( भारतीय वाणी ) एक राष्ट्रीय हिन्दी न्यूज़ वेबसाइट है। यह 2019 में स्थापित हुई और इस न्यूज़ वेबसाइट के माध्यम से हम सभी ताजा खबरें और समाज से जुड़े सभी पहलुओं को आपके सामने प्रस्तुत करने का प्रयत्न करते है।

हमारी वेबसाइट एक रजिस्टर्ड वेबसाइट है जो कि भारत सरकार द्वारा MSME (ministry of micro small and medium enterprises) से सर्टिफाइड है।

लगभग 1 करोड़ से अधिक व्यूज के साथ लगभग २० लाख से अधिक दर्शक हमारे साथ जुड़ चुके है

अपने किसी भी सुझाव के लिए आप हमारी ईमेल आईडी bhartiyavaninews@gmail.com पर संपर्क कर सकते है या फिर हमारे व्हाट्सअप नंबर 8979456781 पर संपर्क कर सकते है

Write a Review

Comments

  • D Devendra Kumar Bsp
  • S Sri bhagwan क्या इंडिया वाले यही सब सहने के लिये पैदा हुए है नितिन गडकरी साहब , कंपनी पर ऐसा फाइन लगाओ दूसरे भी याद रखे
  • P Pankaj kumar पुलिस
  • M Manish kumar parjapity Superb
  • P Pankaj kumar Jay shri ram