किसान विरोधी कानून के खिलाफ किसानों का आज भारत बंद आंदोलन, कई राजनैतिक पार्टी का समर्थन

किसान विरोधी कानून के खिलाफ किसानों का आज भारत बंद आंदोलन, कई राजनैतिक पार्टी का समर्थन

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने फिर एकजुट होकर आज भारत बंद का आवाहन किया है ।संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बंद के दौरान पूर्ण शांति की अपील की और सभी भारतीयों से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया. संयुक्त किसान मोर्चा, जिसमें तकरीबन 40 किसान संगठन शामिल हैं,किसानों ने रविवार को भारत बंद को लेकर एक बयान भी जारी किया. एसकेएम ने कहा, ''27 सितंबर, 2020 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने तीन किसान विरोधी काले कानूनों को मंजूरी दी और उन्हें लागू किया. सोमवार को देश भर में सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भारत बंद मनाया जाएगा.'' बयान में आगे कहा गया कि किसान यूनियन ने ट्रेड यूनियनों सहित, यह सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजना बनाई है कि आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर देशभर में हड़ताल रहेगी।


सोमवार को बुलाए गए भारत बंद का कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, टीडीपी, बीएसपी, लेफ्ट दल, स्वराज इंडिया आदि ने समर्थन किया है. कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा, ''किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं का पूरी तरह से समर्थन हासिल है.'' उन्होंने ट्वीट में कहा, "हम अपने किसानों के अधिकार में विश्वास करते हैं और काले कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई में हम उनके साथ खड़े रहेंगे." बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुःखी देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश व खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में तीव्र आन्दोलित हैं व सोमवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है, जिसके शान्तिपूर्ण आयोजन को बीएसपी का समर्थन है.


दिल्ली पुलिस ने भारत बंद के ऐलान के बाद 15 डिस्ट्रिक्ट की पुलिस को अलर्ट पर रखा है. दिल्ली के बॉर्डर, नई दिल्ली के इलाकों में और लालकिले के आस-पास भारी पुलिस फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात रहेगी. दिल्ली पुलिस का अरेंजमेंट सुबह 5 बजे से शाम तब तक रहेगा जब तक विरोध खत्म नहीं हो जाता. दिल्ली पुलिस स्पेशल ब्रांच को ऐसे इनपुट मिले हैं कि किसान, पॉलिटिकल पार्टी और छात्र दिल्ली के बॉर्डर से पुलिस बैरिकेड तोड़कर जबरन दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं. दिल्ली मेट्रो और रेल को डिस्टर्ब किया जा सकता है. मेट्रो डीसीपी का कहना है कि बॉर्डर इलाके वाले मेट्रो स्टेशन और नई दिल्ली इलाक़े में आने वाले मेट्रो स्टेशन पर सीआईएसएफ, डीएमआरसी दिल्ली पुलिस के साथ अलर्ट पर रहेगी. स्पेशल ब्रांच को ये भी इनपुट मिले हैं कि बिजी मार्किट को जबरन बंद करवाया जा सकता है. उनको नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है. प्रदर्शनकारियों के बीच असमाजिक तत्व भी इसका फायदा उठा सकते हैं.


ऐसे भी इनपुट हैं कि नई दिल्ली इलाके में पीएम हाउस, HM हाउस, बीजेपी सांसदों के घरों के बाहर काले झंडे और पुतले फूंककर प्रदर्शनकारी विरोध कर सकते हैं. रामलीला ग्राउंड, किसान घाट, राजघाट, लालकिले पर प्रदर्शनकारी जमा हो सकते हैं. दिल्ली के तमाम इलाकों में प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए वॉटर कैनन, बैरिकेड, और दंगा रोधी उपकरणों को भी अलर्ट पर रखा गया है. सभी SHO को निर्देश दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर अगर कोई भी संदिग्ध या भीड़ प्रदर्शन करेगी तो उसको हिरासत में ले सकते हैं. साथ ही सुबह से ही वे पेट्रोलिंग पर रहेंगे. गाजियाबाद में किसान यूनियन के बंद के ऐलान को देखते हुए पुलिस ने पेरिफेरल, हापुड़ चुंगी, यूपी गेट, गाजीपुर बॉर्डर सहित कई मुख्य मार्गों और चौराहों पर रूट डायवर्ट करने का आदेश दिया है. इसके तहत पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी की है. इसके अलावा, भारत बंद को देखते हुए हरियाणा सरकार भी सक्रिय हो गई है. गुरुग्राम के जिलाधीश डॉक्टर यश गर्ग को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है.


तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली मे विभिन्न बॉर्डर्स पर पिछले दस महीनों से किसानों का आंदोलन जारी है. पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि के किसान सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.
किसानों और सरकार की कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसक घटना के बाद यह बातचीत बंद हो गई. सरकार कानूनों में संशोधन करने को तैयार है. किसान संगठन समय-समय पर आंदोलन को तीव्र करते रहते हैं. इस बीच किसान नेता महापंचायतों का भी आयोजन कर रहे हैं. चुनावी राज्यों में जाकर किसान नेता लोगों से बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील कर रहे हैं । पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है. एसकेएम ने अपने बयान में बताया है कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी का भी समर्थन है. वहीं, तमिलनाडु में डीएमके ने भी सपोर्ट किया है.

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Comments

  • D Devendra Kumar Bsp
  • S Sri bhagwan क्या इंडिया वाले यही सब सहने के लिये पैदा हुए है नितिन गडकरी साहब , कंपनी पर ऐसा फाइन लगाओ दूसरे भी याद रखे
  • P Pankaj kumar पुलिस
  • M Manish kumar parjapity Superb
  • P Pankaj kumar Jay shri ram