प्रशासन ने लगवाए बाजार के चक्कर,नही मिल रही सस्ते दामों की दुकान।

प्रशासन ने लगवाए बाजार के चक्कर,नही मिल रही सस्ते दामों की दुकान।

गाजीपुर, प्रशासन की पारदर्शिता अभिभावकों के लिए बनी मुसीबत, अभिभावक प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि 125 रुपये में स्कूली जूता और दो जोड़ी मोजा किस दुकान पर मिलेगा? बता दो साहब सस्ते दामों की दुकान। यह सवाल है उन हैरान-परेशान परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों का, जिनके बैंक खाते में एक दिन पहले ही बच्चों के जूते-मोजे, ड्रेस, स्वेटर व स्कूल बैग के लिए सरकार ने 1100 रुपये भेजा है।

अभिभावक वह पैसा लेकर बाजार में घूम रहा है, और सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर जूता-मोजा व ड्रेस दुकानदारों से मांग रहा है, दुकानदार इतने कम पैसे में जूता-मोजा देने से मना कर दे रहे हैं। अब अभिभावक इसको लेकर कशमकश में हैं।

पहले यह धनराशि एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) के खाते में भेजी जाती थी। एसएमसी इसकी खरीदकर बच्चों में वितरित करती थी। इसमें समय अधिक लगता था। वहीं गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होते थे। ऐसे में शासन ने प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अभिभावकों को पैसा देने की योजना शुरू की। पारदर्शिता के उद्देश्य से ड्रेस की धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। पिछले शनिवार को एक लाख 83 हजार 591 बच्चों का पैसा उनके अभिभावकों के खाते में पैसा गया है। शेष को भेजने की प्रक्रिया चल रही है। पुरानी टेंडर प्रक्रिया के अनुसार वस्तुओं की कीमत निर्धारित होने से अभिभावकों के सामने मुश्किल पैदा हो गई है। महंगाई के इस दौर में जूता, मोजा व स्कूल बैग की खरीद शासन से निर्धारित कीमत में करना मुश्किल है। आखिर कौन सी दुकान है, जहां 125 रुपये में स्कूली जूता और दो जोड़ी मोजा मिलेगा। सामान्य तौर पर एक जोड़ी मोजा की कीमत ही 20 से 30 रुपये से अधिक होगी, वहीं जूता दो सौ से नीचे नहीं मिल रहा है। इसलिए अभिभावकों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा।

किसका कितना रेट

  • दो जोड़ी ड्रेस : 600 रुपये
  • एक जोड़ी जूता व दो जोड़ी मोजा : 125 रुपये
  • एक स्वेटर : 200 रुपये
  • एक स्कूल बैग : 175 रुपये
  • मेरे परिवार के तीन बच्चे परिषदीय विद्यालय में पढ़ते हैं। उनके लिए ड्रेस व जूता-मोजा खरीदने जब बाजार में गया तो वहां उनका मूल्य सुनकर माथा ठनक गया। कोई भी दुकानदार 125 रुपये में जूता-मोजा देने को तैयार नहीं हुआ। हमें और पैसे लगाने होंगे। - राजेश यादव, अभिभावक-देवकठियां।
  • पता नहीं सरकार ने किस मानक के अनुसार ड्रेस और जूता-मोजा का रेट तय किया है। थोक भाव में मिल सकता है, लेकिन फुटकर में अभिभावकों को कहीं नहीं मिल रहा है। मेरे बच्चे भी परिषदीय विद्यालय में पढ़ रहे हैं, मैं इसको लेकर परेशान हूं। - पवन सिंह, अभिभावक-कालूपुर।
  • 125 रुपये में स्कूली जूता और दो जोड़ी मोजा नहीं मिल सकता। एक जोड़ी जूता कम से कम 200 रुपये में आएगा। वहीं मोज भी 20 रुपये प्रति जोड़ा मिलेगा। इसके लिए ढाई सौ रुपये खर्च करने होंगे।
    शासन ने निर्धारित की है राशि : शासन से ड्रेस व जूता-मोजा आदि के लिए धनराशि निर्धारित की गई है। इसके अनुसार ही अभिभावकों के खाते में भुगतान हो रहा है। धनराशि बढ़ाने का निर्णय शासन स्तर से ही लिया जाएगा। - हेमंत राव, बीएसए गाजीपुर।

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Comments

  • D Devendra Kumar Bsp
  • S Sri bhagwan क्या इंडिया वाले यही सब सहने के लिये पैदा हुए है नितिन गडकरी साहब , कंपनी पर ऐसा फाइन लगाओ दूसरे भी याद रखे
  • P Pankaj kumar पुलिस
  • M Manish kumar parjapity Superb
  • P Pankaj kumar Jay shri ram