Mafia Mukhtar Ansari : माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, यूपी में हाई अलर्ट
- पूरे यूपी में हाई अलर्ट जारी, हॉस्पिटल और जेल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात
- दिल का दौरा पड़ने से हुई मुख्तार की मौत
बांदा। पिछले तीन दिनों से बीमार चल रहे जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की तबीयत गुरुवार रात अचानक फिर से बिगड़ गई। आनन फानन में मुख्तार को हॉस्पिटल लाया गया जहां डोकतर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, डीएम अंकुर अग्रवाल कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मंडलीय कारागार पहुंचे। करीब 40 मिनट तक अधिकारी जेल के भीतर रहे। इसके बाद मुख्तार को एंबुलेंस से दोबारा रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। हॉस्पिटल प्रशासन के द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है कि मुख्तार को दिल को दौरा पड़ा था जिसके चलते मुख्तार की मौत हुई।
रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कौशल ने बताया कि मरीज ने पिछले चार-पांच दिनों से पेट में दर्द व गैस पास न होने की शिकायत बताई थी।
गौरतलब है कि छह अप्रैल, 2021 को पंजाब के रोपड़ की रूपनगर जेल से बांदा जेल ट्रांसफर किए जाने के बाद से मुख्तार अंसारी की ओर से जेल अधिकारियों पर कई आरोप लगाए गए। कुछ रोज पहले बाराबंकी और मऊ कोर्ट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से हुई पेशी में मुख्तार ने खाने में जहर देकर मारने के प्रयास की शिकायत की थी।
खाने में विषाक्त पदार्थ देने का लगाया था आरोप
बीते दिनों मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने मुख्तार की ओर से जज कमलकांत श्रीवास्तव को प्रार्थना पत्र देकर बांदा जेल में जान का खतरा बताया था। बांदा जेल के डिप्टी जेलर ने पेश होकर मुख्तार के बीमार होने की जानकारी दी। जज को दिए गए प्रार्थना पत्र में लिखा था कि 19 मार्च 2024 को उन्हें (मुख्तार अंसारी को) जो भोजन दिया गया उसमें कोई विषाक्त पदार्थ था, जिसके खाने से वह गंभीर बीमार हो गए। हाथ-पैर की नसों में बहुत दर्द है। हाथ-पैर ठंडे पड़ रहे हैं।
'कोई भी अनहोनी हो सकती है'
प्रार्थना पत्र में यह भी लिखा गया था कि 40 दिन पहले खाने में किसी प्रकार का कोई धीमा जहर दिया गया, जिसके चलते खाना चखने वाले जेल स्टाफ की भी तबीयत खराब हो गई थी। बांदा कारागार में जान का खतरा हो गया है। कोई भी अनहोनी हो सकती है। 19 मार्च को फिर खाने में जहर दिया जाना किसी साजिश का हिस्सा है। इसलिए मेडिकल बोर्ड का गठन कराकर इलाज कराया जाए।
बता दें कि दो दिन पहले 26 मार्च को मुख्तार ने जेल प्रशासन से पेट में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद उसे तत्काल ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने ओवर ईटिंग व कब्ज बताकर इलाज किया और 14 घंटे बाद उसी दिन देर शाम उसे वापस मंडलीय कारागार भेज दिया था। इधर, गुरुवार शाम साढ़े सात बजे के आसपास अचानक मुख्तार की तबीयत बिगड़ने पर प्रशासन ने आनन-फानन उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
मुख्तार के स्थानीय अधिवक्ता नसीम हैदर का कहना है कि मुख्तार को हार्ट अटैक पड़ने की आशंका है। प्रशासन उन्हें मुख्तार के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा है।
मुख्तार का परिवार भी बांदा के लिए लखनऊ से चल चुका है। इधर हालात बिगड़ने न पाए, इसके लिए जिले भर की पुलिस फोर्स को अलर्ट कर दिया गया है। जेल के भीतर भी पुलिस फोर्स तैनात है। देर रात तक डीएम और एसपी भी मेडिकल कॉलेज में मौजूद रहे और कानून व्यवस्था की की पल-पल की खबर लेते रहे।
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