गोल गप्पे बेचने से लेकर शतकवीर बनने तक का राजस्थान के यशस्वी सफर
आईपीएल के इस सीजन में राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल अचे फॉर्म में चल रहे है। आईपीएल 2023 में बल्लेबाज ने अब तक नौ परियां खेली है। यशश्वी ने 47.56 की औसत से 428 रन टीम के लिए जोड़े है। जिसमें 56 चौके और 18 छक्के शामिल है। इसके अलावा वो इस सीजन में अब तक सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज है। उनके नाम ऑरेंज कैप है।
कल यानी की आईपीएल का ४२वां मुकाबला मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुआ था। जहां रिंकू ने मैच में शतकीय पारी खेली। राजस्थश्न रॉयल्स के लिए बालेबाजी करते हुए ये बैट्समैन का सबसे बड़ी पारी है। इससे पहले बटलर ने भी राजस्थान के लिए 124 रन बनाए थे।
राजस्थान के बल्लेबाज जायसवाल ने पारी की शुरुआत की और अंत में 20 वे ओवर में आउट हुए। उन्होंने 62 गेंदों में 124 रन बनाए। जिसमें से १६ चौके और आठ छक्के शामिल है। इस पारी की बदौलत राजस्थान ने मुंबई के सामने 212 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा रखा।
हालांकि राजस्थान लक्ष्य को डिफेंड नहीं कर सके। लेकिन जायसवाल ने अपनी पारी से सभी को खुश कर दिया। इसके साथ ही क्रकेटेर का आईपीएल में आने तक का सफर भी काफी दिलचस्प और चुनौतियों से भरा था।
क्रिकेटर यशस्वी उत्तर प्रदेश के भदोही इलाके के रहने वाले है। वो एक गरीब परिवार से आते है। अपने घर से यशस्वी क्रिकेटर बनाने की चाह से 11 साल की उम्र में मुंबई गए। मुंबई आने के बाद उनका सफर काफी चुनौतीभरा रहा। क्रिकेट की दुनिया में उन्हें अपना बड़ा नाम बनाना था। अपना गुजरा करने के लिए वो मुंबई के आजाद मैदान के बाहर गोलगप्पे और फल बेचा करते थे।
उन्होंने कई बार पैसों की तंगी की वजह से रात को खाली पेट सोना पड़ता था। इसके साथ ही उन्होंने डेयरी में भी काम किया है। लेकिन एक दिन उन्हें वहा से हटा दिया। इसी बेच क्लब ने यशस्वी को मदद करने की सोची। लेकिन क्लब की तरफ से शर्त थी की टेंट में रहने को तभी मिलेगा जब वो अच्छा खेलेंगे। टेंट में बल्लेबाज रोटी बनाते थे। दोपहर और रात का उन्हें वहा खाना मिल जाता था।
यशस्वी ने पैसों की तंगी के चलते गेंद खोजने का भी काम करते थे। आजाद मैदान में बॉल खोने पर यशस्वी उसे ढूढ़ते थे। जिसके लिए उन्हें पैसे मिलते थे। एक दिन कोच ज्वाला सिंह ने यशस्वी को देखा।
ज्वाला भी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। उन्होंने बल्लेबाज को कोचिंग दी। यशस्वी कोच ज्वाला की तरफ करते नहीं थकते। एक बार यशस्वी ने बताया था की वो कोच के गोद लिए हुए बेटे है। वो इस मुकाम तक उन्हीं की बदौलत पहुंचे है।
17 साल की उम्र में यशस्वी ने घरेलू क्रिकेट में यूथ वनडे में दोहरा शतक लगाया था। 2020 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने एक शतक और चार अर्ध शतक जड़े थे। वर्ल्ड कप की छह परियों में उन्होंने 400 रन बनाए थे। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट का अवार्ड भी मिला था।
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