उत्तराखंड में निपाह वायरस का अलर्ट जारी, लक्षण दिखने पर लोगों को किया जाएगा क्वारंटीन

उत्तराखंड में निपाह वायरस का अलर्ट जारी, लक्षण दिखने पर लोगों को किया जाएगा क्वारंटीन

केरल में निपाह वायरस से छह लोगों की मौत के बाद अब उत्तराखंड में अलर्ट जारी कर दिया है। इस से पहले उधम सिंह नगर जिले के लिए अलर्ट जारी किया गया था। जहां एक ओर प्रदेश में डेंगू से त्रस्त हैं तो वहीं अब निपाह वायरस के अलर्ट ने लोगों को परेशान कर दिया है।

डेंगू के डंक के बीच निपाह वायरस के खतरे के कारण स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर प्रदेश के अस्पतालों में अलर्ट जारी किया है। बता दें कि केरल में निपाह वायरस के कारण छह लोगों की मौत हो गई है। जिसे देखते हुए देश के अन्य राज्यों में सावधानी बरती जा रही है।

कोविड-19 के बाद निपाह वायरस ने देश में दस्तक दी है। कोविड की ही तरह निपाह वायरस भी संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान को फैलता है। जिस कारण इसके लक्षण दिखने पर मरीजों को क्वारंटीन किया जाएगा। निपाह वायरस के लक्षण दिखने पर जांच के लिए सैंपल ऋषिकेश एम्स भेजे जाएंगे।

निपाह वायरस अब से पहले भी भारत में आ चुका है। 2001 से लेकर अब तक निपाह वायरस छह बार आ चुका है। जबकि केरल में 2018 के बाद ये चौथी बार आया है। साल 2001 में जब पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में निपाह वायरस फैला था तो तब 45 लोगों की मौत हो गई थी।

इसके बाद साल 2007 में पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में निपाह वायरस फैला जिसमें पांच लोग संक्रमित हुए थे और सभी की मौत हो गई थी। साल 2018 में केरल में फिर निपाह वायरस ने दस्तक दी। जिसमें 18 लोग संक्रमित हुए थे। जिसमें से 17 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद केरल में ही साल 2019 और साल 2021 में फिर से निपाह वायरस का संक्रमण फैला जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।

क्या है निपाह वायरस 

निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है। जो कि जानवरों से इंसानों में फैलता है। इसके साथ ही ये वायरस संक्रमित इंसानों से दूसरे लोगों में फैल जाता है। साल 1999 में मलेशिया में सुनगई निपाह गांव में इस वायरस का पहला मामला सामने आया था। मलेशिया में मिलने के कारण इसका नाम निपाह वायरस रखा गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक निपाह वायरस फ्लाइंग फॉक्स नाम के चमगादड़ से इंसानों में फैलता है।

निपाह वायरस कुछ हद तक कोविड के लक्षणों से मेल खाते हैं। इस से संक्रमित होने पर बुखार, सिर में दर्द, कफ, गले में खराश, उल्टी, सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया और दिमाग में सूजन आदि लक्षण दिखाई देते हैं। इसका उपचार मरीज के लक्षणों के आधार पर होता है।

सबसे पहले इसमें मरीज को अन्य लोगों से अलग 21 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाता है। किसी को भी संक्रमित के संपर्क में आने से मना किया जाता है। इसके साथ ही मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग इसमें सबसे जरूरी होती है।

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Comments

  • D Devendra Kumar Bsp
  • S Sri bhagwan क्या इंडिया वाले यही सब सहने के लिये पैदा हुए है नितिन गडकरी साहब , कंपनी पर ऐसा फाइन लगाओ दूसरे भी याद रखे
  • P Pankaj kumar पुलिस
  • M Manish kumar parjapity Superb
  • P Pankaj kumar Jay shri ram