जानिए कौन है ये लेडी IAS अफसर जो छठवीं क्लास में हुई फेल, फिर भी नहीं मानी हार…

जानिए कौन है ये लेडी IAS अफसर जो छठवीं क्लास में हुई फेल, फिर भी नहीं मानी हार…

देश की इस महिला आईएएस अफसर ने उन विपरीत परिस्थितियों से गुजर जिन्दगी में वह मुकाम हासिल किया है, जिस मुकाम को हासिल करने के लिए लोग अपना सब कुछ दांव पर लगाने को तैयार रहते हैं, लेकिन फिर भी ऐसे मुकाम पर पहुंचना उन लोगों के लिए नामुमकिन हो जाता है। ये महिला आईएएस अफसर जिन्दगी में सफलता के सपने देख रहे सभी ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा है। इस परीक्षा में हर साल सैकड़ों अभ्यर्थी पास होते हैं। परीक्षा में शामिल होने और सफलता के लिए अभ्यर्थी सालों पढ़ाई करते हैं। यूपीएससी की कोचिंग, घंटों की पढ़ाई के बाद वह इस परीक्षा में पास हो पाते हैं। ऐसे में अगर इस परीक्षा में कोई महिला पहले ही प्रयास में सफल हो जाए, वह भी अखिल भारतीय स्तर पर दूसरी रैंक के साथ, तो इसे महिला की बुद्धिमता माना जा सकता है। लेकिन अगर इस उपलब्धि को हासिल करने वाली आईएएस महिला स्कूल के दिनों में परीक्षा में फेल हुई हो तो इसे महिला के बुलंद हौसलों और दृढ़ता का परिणाम कहेंगे। महिला आईएएस का नाम है रुक्मिणी रियार। रुक्मिणी रियार ने बिना कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की और पहली ही प्रयास में सफलता प्राप्त कर ली। चलिए जानते हैं रुक्मिणी रियार के आईएएस बनने के सफर के बारे में।

कौन हैं आईएएस रुक्मिणी रियार...

आईएएस अफर रुक्मिणी रियार पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली हैं। यूपीएससी परीक्षा 2011 में रुक्मिणी रियार ने ऑल इंडिया लेवल पर दूसरी रैंक हासिल की थी। रुक्मिणी रियार ने बिना किसी कोचिंग के पहले प्रयास में परीक्षा पास की।

रुक्मिणी रियार की शिक्षा...

गुरदासपुर की रुक्मिणी रियार की शुरुआती शिक्षा उनके गृह जनपद से ही हुई। बाद में चौथी क्लास में उनका दाखिला डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में करा दिया गया जो कि एक बोर्डिंग स्कूल है। रुक्मिणी बचपन में पढ़ाई में होनहार नहीं थीं। इसीलिए परिवार ने उन्हें बोर्डिंग स्कूल भेज दिया। हालांकि पढ़ाई के दौरान जब रुक्मिणी 6 क्लास में थी तो वह फेल भी हो गईं थीं।

फेल होने से डिप्रेशन का शिकार हो गई आईएएस...

रुक्मिणी क्लास में फेल होने के बाद डिप्रेशन में रहने लगीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वह फेल होने पर शर्म महसूस करती थीं और परिवार, शिक्षक व दोस्तों के सामने जाने से घबराती थीं। कई महीनों तक तनाव में रहने के बाद उन्होंने दृढ़ निश्चय कर लिया कि वह अब कभी फेल नहीं होंगी और अपनी असफलता से ही प्रेरणा लेते हुए होनहार छात्रा बनकर दिखाएंगी। इसके बाद रुक्मिणी कभी फेल नहीं हुआ। उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की और बाद में अमृतसर के गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। यहां से रुक्मिणी ने सोशल साइंस में स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके बाद मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट से सामाजिक विज्ञान में परास्नातक किया। साथ ही गोल्ड मेडलिस्ट भी बनीं।

रुक्मिणी रियार आईएएस क्यों बनना चाहती थीं...

मास्टर्स करने के बाद रुक्मिणी रियार ने योजना आयोग में काम किया। मैसूर में अशोदया और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल आदि गैर सरकारी संगठनों में इंटर्नशिप की। रुक्मिणी ने दिल्ली के सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज संग मिलकर बस्तियों को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम किया। समाज के लिए काम करने के दौरान रुक्मिणी ने आईएएस बनने का सपना देखना शुरु कर दिया ताकि वह प्रशासनिक सेवा में आकर समाज के लिए और काम कर सकें।

रुक्मिणी ने कैसे की यूपीएससी की तैयारी...

रुक्मिणी रियार ने आईएएस की तैयारी शुरु कर दी। बिना कोचिंग ही रुक्मिणी ने सेल्फ स्टडी की। उन्होंने क्लास 6ठी से 12वीं तक की एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई शुरु की। इंटरव्यू के लिए रोजाना अखबार पढ़तीं। कई माॅक टेस्ट में शामिल हुईं। पिछले सालों के प्रश्न पत्र हल किए। कड़ी मेहनत और तैयारी के साथ उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और 2011 में रुक्मिणी की अखिल भारतीय रैंक दूसरी आई।

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Comments

  • D Devendra Kumar Bsp
  • S Sri bhagwan क्या इंडिया वाले यही सब सहने के लिये पैदा हुए है नितिन गडकरी साहब , कंपनी पर ऐसा फाइन लगाओ दूसरे भी याद रखे
  • P Pankaj kumar पुलिस
  • M Manish kumar parjapity Superb
  • P Pankaj kumar Jay shri ram