झारखंड के डीएम और एसएसपी की इस होशियारी ने रोका बिहार का खेला
बिहार में अक्सर राजनीति में खेला होने की बात कही जाती है और इसी खेले के चलते बिहार में कई बार बनी बनाई सरकार धराशाई हुई है। बिहार की राजनीति में होने वाले खेले का खौफ बिहार से दिल्ली तक महसूस किया जाता रहा है। जानकारों की माने तो पिछले 24 सालों में बिहार की राजनीति में एक नही 10 बार खेला हो चुका है। और इन्ही खेलो से सबक लेते हुए नीतीश ने आज बड़ा खेला होने से बचा लिया। नीतीश कुमार ने इसके लिए आईबी, डीएम, एसएसपी का सहयोग लिया। जिसके चलते पाला बदलने वाले विधायकों को ट्रेस किया गया। एक विधायक तो दूसरे राज्य में चला गया जैसे ही लोकेशन ट्रेस हुई तो पाला बदलने वाले विधायक को कब्जे में किया गया। यानी इस बड़े खेले को रोकने के लिए बिहार और झारखंड की नौकरशाही को लगा दिया गया।
खेला रोकने की जिम्मेदारी डीएम और एसएसपी की रही
यू तो नीतीश कुमार के पास बहुमत का पूरा आंकड़ा मौजूद था। लेकिन 24 साल से बिहार की राजनीति में हो रहे खेलो को ध्यान में रखते नीतीश पूरी तरह से अलर्ट मोड में थे। नीतीश किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते थे बिहार की सत्ता में इस बार भी कोई बड़ा खेल हो सकता है इसकी जानकारी उन्होंने दिल्ली हाईकमान को पहले ही दे दी थी। इसीलिए नीतीश ने और हाई कमान ने भाजपा के व सत्ताधारी विधायकों की निगरानी बढ़ा दी।
रात्रि भोज में कुछ विधायको की गैरहाजिरी से लगा था खेला होने का खतरा
2 दिन पहले ही सभी विधायकों को रात्रि भोज पर बुलाया गया। लेकिन तीन विधायक मिश्रीलाल यादव, रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी नहीं आईं। जेडीयू के भी तीन विधायक भी नहीं पहुंचे। जदयू के तीन विधायक भीमा भारती, दिलीप राय व संजीव कुमार भी भोज कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।
झारखंड के डीएम एसएसपी ने बचाया खेला
नीतीश कुमार ने विधायक संजीव कुमार पर पूरा इंटेलीजेंस लगा रखा था। नीतीश को विधायक संजीव कुमार की लोकेशन झारखंड में मिली तो वहां के डीएम और एसएसपी सहित पूरे प्रशासन को अलर्ट कर दिया। आज सुबह जैसे ही विधायक संजीव कुमार की गाड़ी झारखंड से बिहार की तरफ ट्रेस की गई तो वहां के डीएम और एसएसपी भी पीछे पीछे लगे रहे। रजौली बार्डर पर अचानक विधायक संजीव कुमार की गाडी को रोक लिया गया। तभी डीएम ने विधायक की सीएम नीतीश कुमार से बात कराई। उन्हें विश्राम गृह में ले जाया गया। यहां से डीएम व एसएसपी विधायक संजीव को लेकर सदन पहुंचे और सत्ता के खेमे में बैठाया। वहीं 2 विधायक की पत्नियों को लोकसभा में टिकट देने का नीतीश कुमार ने वादा किया।
झारखंड के डीएम और एसएसपी की इस होशियारी ने रोका बिहार का खेला
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