आशंका है आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पुरानी रंजिश के चलते मनीष हत्याकाण्ड मे संलग्न

आशंका है आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पुरानी रंजिश के चलते मनीष हत्याकाण्ड मे संलग्न

उत्तर प्रदेश, मनीष हत्याकांड का मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह के तार कानपुर से भी जुड़े हैं कुछ दिन वह कानपुर में पनकी एसओ के पद पर सवा तीन महीने तक रहा था। ऐसे में साजिश की आशंका और गहरा गई है।
शक है कि कहीं किसी पुरानी रंजिश की खुन्नस में इंस्पेक्टर ने वारदात को अंजाम तो नहीं दे डाला। अब जब केस की जांच आगे बढ़ेगी तभी इस बारे में तथ्य सामने आएंगे।


पुलिस विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक जगत नारायण सिंह 8 जुलाई 2017 को कानपुर में तबादला होकर आया था। तब वह दरोगा था। आने के चार दिन बाद यानी 12 जुलाई 2017 को उसको पनकी थाने का एसओ बना दिया गया था। यहां वह 27 अक्तूबर 2017 तक रहा था। इसके बाद उसका तबादला कानपुर देहात हो गया था। फिर वह अलग-अलग जिलों में तैनात रहा। दरोगा से इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोट हुआ। चूंकि वह पनकी में तैनात रहा है तो ऐसे में आशंका है कि इस दौरान कभी उसका मनीष से आमना सामना जरूर हुआ हो। ऐसा तो नहीं कि उस दौरान दोनों के बीच कुछ विवाद हुआ हो और अब जब मनीष गोरखपुर गए तो इंस्पेक्टर ने साजिश रचकर उनकी हत्या कर दी। फिलहाल गोरखपुर पुलिस मामले की जांच कर रही है। अगर इस साजिश की आशंका के साक्ष्य मिलते हैं तो काफी कुछ साफ हो जाएगा।


इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह काफी विवादित रहा है। कानपुर में उसके कार्यकाल के दौरान तैनात रहे एक पुलिसकर्मी ने बताया कि जगत नारायण आम लोगों से बहुत ही अड़ियल और अभद्रता से बातचीत करता था। कइयों से उसकी नोकझोंक हुई थी। यही नहीं तीन महीने के कार्यकाल में तमाम आरोप उस पर लगे थे। यही वजह है कि वह यहां टिक नहीं पाया था।

गोरखपुर का कार्यकाल आरोपों से घिरा रहा

इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पर पहले भी हत्या का आरोप लग चुका है। गोरखपुर के बांसगांव थाने के इंस्पेक्टर रहते हुए एक आरोपी शुभम को गिरफ्तार किया था। कुछ दिन बाद जेल में शुभम की मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया था। इसी साल 13 अगस्त को रामगढ़ताल थाने में बीस वर्षीय गौतम सिंह की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। परिजनों ने पीट पीटकर हत्या का आरोप लगाया था। 21 अगस्त को सिकंदर नाम के शख्स को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने का दावा किया था, जिस पर कोई केस नहीं था। इन सभी मामलों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेअंदाज इंस्पेक्टर बर्बरता कर सकता है।

के के राणा रामगढ़ताल के नए इंस्पेक्टर


गोंडा से नई तैनाती पर आए केके राणा को रामगढ़ताल का नया इंस्पेक्टर बनाया गया है। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह के निलंबन से पद खाली था। अब केके राणा पर रामगढ़ताल पुलिस की छवि सुधारने की चुनौती है।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि पुलिस वालों पर दर्ज केस की विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। आरोपितों की तलाश में क्राइम ब्रांच लगी है। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गोंडा से आए केके राणा को रामगढ़ताल का नया थानेदार बनाया है। पोस्टमार्टम में सिर पर रगड़ और हाथ में चोट के निशान आए हैं। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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Comments

  • D Devendra Kumar Bsp
  • S Sri bhagwan क्या इंडिया वाले यही सब सहने के लिये पैदा हुए है नितिन गडकरी साहब , कंपनी पर ऐसा फाइन लगाओ दूसरे भी याद रखे
  • P Pankaj kumar पुलिस
  • M Manish kumar parjapity Superb
  • P Pankaj kumar Jay shri ram